परिचय: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, कीटों एवं बीमारियों के कारण फसल नुकसान की स्थिति में किसानों को बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना की शुरुआत किसानों की आय को स्थिर करने, उन्हें आधुनिक कृषि पद्धतियाँ अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने और कृषि क्षेत्र में ऋण के प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए की गई है।
योजना के मुख्य उद्देश्य:
बीमा कवरेज: अधिसूचित फसलों की विफलता की स्थिति में किसानों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना।
आय स्थिरीकरण: किसानों की आय को स्थिर रखकर उन्हें खेती जारी रखने के लिए प्रेरित करना।
आधुनिक कृषि को प्रोत्साहन: नवीन और आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना।
ऋण का प्रवाह: कृषि क्षेत्र में ऋण के प्रवाह को सुनिश्चित करना।
कार्यान्वयन संरचना:
इस योजना को बहु-एजेंसी ढांचे के माध्यम से लागू किया जाता है। कार्यान्वयन एजेंसी (IA) के रूप में चयनित बीमा कंपनियाँ कार्य करती हैं, जिनका चयन संबंधित राज्य सरकार द्वारा किया जाता है। इनका मार्गदर्शन और नियंत्रण केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय और राज्य सरकार के कृषि विभाग द्वारा किया जाता है। अन्य सहयोगी एजेंसियों में वाणिज्यिक बैंक, सहकारी बैंक, ग्रामीण बैंक आदि शामिल हैं।
वर्तमान में कार्यरत प्रमुख बीमा कंपनियाँ: कृषि बीमा कंपनी ऑफ इंडिया (AIC) के अलावा, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, एचडीएफसी इर्गो, आईएफएफसीओ-टोकियो, बजाज आलियांज, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस जैसी निजी बीमा कंपनियाँ भी इस योजना में भाग ले रही हैं।
बीमा की इकाई: ‘क्षेत्र दृष्टिकोण’
यह योजना ‘क्षेत्र दृष्ट्टिकोण’ पर आधारित है, जिसके तहत एक ‘अधिसूचित क्षेत्र’ (जैसे गाँव/ग्राम पंचायत) को बीमा की इकाई माना जाता है। इसका अर्थ यह है कि एक इकाई के सभी किसानों को समान जोखिम, उत्पादन लागत और आय माना जाता है। स्थानीय आपदाओं और कटाई के बाद के नुकसान के मामले में, नुकसान का आकलन व्यक्तिगत किसान के खेत के आधार पर किया जाता है।
कवरेज के पात्र किसान:
अनिवार्य कवरेज: ऐसे सभी किसान जिनके पास अधिसूचित फसल के लिए फसल ऋण खाता (किसान क्रेडिट कार्ड) है और उनका ऋण सीमांकन/नवीनीकरण हुआ है।
स्वैच्छिक कवरेज: वे सभी किसान जो ऋणी नहीं हैं, लेकिन अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसल उगा रहे हैं, स्वेच्छा से इस योजना के तहत बीमा करा सकते हैं।
शामिल जोखिम और बहिष्करण:
शामिल जोखिम:
उपज हानि: सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, तूफान, चक्रवात, कीट/बीमारियाँ आदि के कारण उपज में कमी।
रोकी गई बुआई: प्रतिकूल मौसम के कारण बुआई न कर पाने की स्थिति में (अधिकतम 25% तक का दावा)।
कटाई के बाद का नुकसान: फसल कटाई के बाद 14 दिनों तक चक्रवात/अनियमित वर्षा से होने वाला नुकसान।
स्थानीय आपदाएँ: ओलावृष्टि, भूस्खलन, बाढ़ जैसी स्थानीय घटनाओं से व्यक्तिगत खेत को नुकसान।
बहिष्कृत जोखिम: युद्ध, परमाणु जोखिम, दंगा, चोरी, जानवरों द्वारा नुकसान, और अन्य रोके जा सकने वाले जोखिम।
बीमित राशि और प्रीमियम दरें:
बीमित राशि: ऋणी किसानों के लिए, बीमित राशि उस फसल के लिए जिला स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा तय ‘वित्त का पैमाना’ के बराबर होती है। स्वैच्छिक किसानों के लिए, यह थ्रेशोल्ड यील्ड (सीमांक उपज) के मूल्य तक सीमित होती है।
प्रीमियम दरें: किसानों द्वारा देय प्रीमियम दरें फसल के प्रकार और मौसम के आधार पर निर्धारित हैं:
खरीफ फसलें (खाद्यान्न और तिलहन): 2.0% (बीमित राशि का)
रबी फसलें (खाद्यान्न और तिलहन): 1.5% (बीमित राशि का)
वार्षिक वाणिज्यिक/बागवानी फसलें: 5.0% (बीमित राशि का)
किसान द्वारा दी गई प्रीमियम दर और वास्तविक एक्चुएरियल प्रीमियम दर के बीच का अंतर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा प्रीमियम सब्सिडी के रूप में वहन किया जाता है।
दावा प्रक्रिया और भुगतान:
उपज हानि: यदि अधिसूचित क्षेत्र में फसल की वास्तविक उपज, थ्रेशोल्ड यील्ड से कम है, तो उस इकाई के सभी बीमित किसानों को दावे का भुगतान किया जाता है। भुगतान की गणना इस सूत्र से की जाती है:
रोकी गई बुआई, स्थानीय आपदा और कटाई के बाद के नुकसान के दावों का आकलन पूर्वनिर्धारित मापदंडों और स्थानीय प्रशासन की सहायता से किया जाता है।
मध्य-मौसम प्रतिकूलता: गंभीर सूखा या बाढ़ जैसी स्थिति में, संभावित दावे का 25% तक का अग्रिम भुगतान किया जा सकता है।
दावों का निपटान बैंकों के माध्यम से या सीधे किसानों के बैंक खातों में इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जाता है।
प्रौद्योगिकी का उपयोग:
योजना की दक्षता बढ़ाने के लिए नवीन तकनीकों को शामिल किया गया है:
फसल उपज आकलन: फसल उपज का आकलन फसल कटाई प्रयोग (CCE) के माध्यम से किया जाता है।
स्मार्ट सैंपलिंग: उपग्रह चित्रों और ड्रोन तकनीक का उपयोग करके CCE के नमूनों को अधिक कुशलता से चुना जाता है।
मोबाइल तकनीक: जीपीएस-युक्त स्मार्टफोन से CCE के डेटा और फसल की तस्वीरें ली जाती हैं, जिससे पारदर्शिता और गति बढ़ती है।
केंद्रीकृत डेटा रिपॉजिटरी: सभी डेटा को एक केंद्रीय भंडार में संग्रहीत किया जाता है।
शिकायत निवारण:
योजना के तहत किसी भी शिकायत के निवारण के लिए जिला स्तर पर एक शिकायत निवारण समिति का गठन किया गया है, जिसमें जिला कृषि अधिकारी, बीमा कंपनी और बैंक के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। इस समिति की निगरानी जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय निगरानी समिति (DLMC) करती है।
वेदर बेस्ड क्रॉप इंश्योरेंस स्कीम (WBCIS):
PMFBY के साथ-साथ वेदर बेस्ड क्रॉप इंश्योरेंस स्कीम (WBCIS) भी चलाई जा रही है। इस योजना में फसल के नुकसान का आकलन उपज के बजाय मौसम के पैरामीटर (जैसे वर्षा, तापमान) में विचलन के आधार पर किया जाता है। किसानों के लिए प्रीमियम की दरें PMFBY के समान हैं।
यूनिफाइड पैकेज इंश्योरेंस स्कीम (UPIS):
यह एक व्यापक बीमा पैकेज है, जिसके तहत किसानों को एक ही पॉलिसी में कई तरह का कवर मिलता है। इसमें सात खंड शामिल हैं:
फसल बीमा (PMFBY/WBCIS) – अनिवार्य
आवास और सामान बीमा (अग्नि और संबद्ध जोखिम)
व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा (प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत)
कृषि पंपसेट बीमा
कृषि ट्रैक्टर बीमा
छात्र सुरक्षा बीमा
जीवन बीमा (प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत)
फसल बीमा खंड अनिवार्य है, और सब्सिडी का लाभ लेने के लिए किसानों को कम से कम दो अतिरिक्त खंड चुनने होते हैं।
आवेदन प्रक्रिया
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के लिए आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से पूरी की जा सकती है।
आवश्यक दस्तावेज़
आवेदन करने से पहले, निम्नलिखित दस्तावेज़ तैयार रखें:
पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
बैंक पासबुक
पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, आदि)
निवास प्रमाण (आधार कार्ड, वोटर आईडी, बिजली बिल, आदि)
भूमि रिकॉर्ड (खसरा नंबर, भूमि अधिकार रिकॉर्ड (RoR), भूमि कब्ज़ा प्रमाण पत्र (LPC), आदि)
बोई जाने वाली फसल का प्रमाण/विवरण
किरायेदार किसानों या बटाईदारों के मामले में, वैध भूमि पट्टा समझौता।
आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की आधिकारिक वेबसाइट https://pmfby.gov.in पर जाएं।
‘Farmer Corner’ पर क्लिक करें: होमपेज पर “Farmer Corner” (किसान कोना) विकल्प ढूंढें और उस पर क्लिक करें।
पंजीकरण (Registration):
यदि आप नए उपयोगकर्ता हैं, तो “Guest Farmer” (अतिथि किसान) विकल्प चुनें।
पंजीकरण फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारी, जैसे किसान का विवरण, आवासीय विवरण, बैंक खाता विवरण और आईडी विवरण सही-सही भरें।
कैप्चा कोड दर्ज करें और “Create User” (उपयोगकर्ता बनाएं) पर क्लिक करें।
यदि आप पहले से पंजीकृत हैं, तो सीधे “Login for Farmer” पर क्लिक करके अपने मोबाइल नंबर और OTP के माध्यम से लॉगिन करें।
आवेदन फॉर्म भरें: लॉगिन करने के बाद, “Crop Insurance Scheme” (फसल बीमा योजना) आवेदन फॉर्म भरें।
दस्तावेज़ अपलोड करें: आवश्यक दस्तावेज़ों को स्कैन करके अपलोड करें।
प्रीमियम भुगतान: अपनी फसल के लिए आवश्यक प्रीमियम का ऑनलाइन भुगतान करें।
फॉर्म सबमिट करें: सभी विवरणों की समीक्षा करें और फॉर्म सबमिट करें। आपको एक पावती रसीद (acknowledgement receipt) मिलेगी, जिसे भविष्य के संदर्भ के लिए प्रिंट करके रखें।
ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया
नज़दीकी बैंक या सीएससी केंद्र पर जाएं: आप किसी भी नज़दीकी बैंक शाखा, प्राथमिक कृषि सहकारी समिति (PACS), या सामान्य सेवा केंद्र (CSC) पर जा सकते हैं।
आवेदन पत्र प्राप्त करें: संबंधित अधिकारी या केंद्र से PMFBY आवेदन पत्र प्राप्त करें।
विवरण भरें और दस्तावेज़ जमा करें: फॉर्म में सभी आवश्यक जानकारी भरें और ऊपर बताए गए दस्तावेज़ों की फोटोकॉपी संलग्न करें।
प्रीमियम भुगतान: प्रीमियम राशि का भुगतान करें और रसीद प्राप्त करें।
दावा (क्लेम) प्रक्रिया
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत दावा (क्लेम) प्राप्त करने की प्रक्रिया निम्नलिखित है:
चरण 1: तत्काल सूचना (72 घंटे के भीतर)
फसल के नुकसान या क्षति होने पर, प्रभावित किसान को घटना के 72 घंटों के भीतर संबंधित अधिकारियों को सूचित करना अनिवार्य है।
कैसे सूचित करें:
टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर: राष्ट्रीय टोल-फ्री नंबर 14447 या अपनी बीमा कंपनी के समर्पित टोल-फ्री नंबर पर कॉल करें।
मोबाइल ऐप: “Crop Insurance App” (क्रॉप इंश्योरेंस ऐप) के माध्यम से नुकसान की जानकारी और फोटो अपलोड करें। लिंक यहाँ है
स्थानीय कार्यालय: संबंधित बैंक शाखा, स्थानीय कृषि विभाग कार्यालय, या जिला सरकारी अधिकारी को सूचित करें।
चरण 2: आवश्यक दस्तावेज़ और विवरण जमा करना
सूचना देते समय या उसके तुरंत बाद, आपको निम्नलिखित विवरण और दस्तावेज़ उपलब्ध कराने होंगे:
पॉलिसी/नामांकन संख्या या बैंक खाता संख्या
भूमि का विवरण (खसरा संख्या)
प्रभावित फसल और रकबे (क्षेत्रफल) का विवरण
नुकसान का कारण और घटना की तारीख
पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, पैन कार्ड, आदि)
बैंक पासबुक
फसल के नुकसान के साक्ष्य (जैसे तस्वीरें या स्थानीय समाचार पत्र की कटिंग, यदि उपलब्ध हो)
भरा हुआ दावा प्रपत्र (Claim Form)
चरण 3: क्षति का आकलन (सर्वे)
आपके द्वारा सूचना दिए जाने के बाद, बीमा कंपनी और कृषि विभाग की एक संयुक्त टीम नुकसान का आकलन करने के लिए खेत का दौरा करेगी।
एक सर्वेक्षक (Assessor) नियुक्त किया जाएगा और क्षति मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
किसानों को इस प्रक्रिया के दौरान संबंधित एजेंसियों के साथ सहयोग करना चाहिए।
चरण 4: दावे का निपटान (Settlement)
सर्वे और मूल्यांकन रिपोर्ट अंतिम रूप दिए जाने के बाद, बीमा कंपनी पात्र किसानों के बैंक खातों में सीधे मुआवजे की राशि जमा करती है।
दावे का भुगतान आमतौर पर कटाई के दो महीने के भीतर, सभी दस्तावेज़ीकरण और मूल्यांकन पूरा होने के बाद किया जाता है।
ध्यान दें: समय पर सूचना देना और सही दस्तावेज़ उपलब्ध कराना सुचारू और त्वरित दावा निपटान के लिए महत्वपूर्ण है। देर से सूचना देने पर दावा खारिज हो सकता है।
महत्वपूर्ण बातें
आवेदन आमतौर पर बुवाई की कट-ऑफ तिथि के 10 दिनों के भीतर जमा किया जाना चाहिए।
फसल के नुकसान की स्थिति में, बीमा कंपनी को 72 घंटों के भीतर सूचित करना अनिवार्य है।
अधिक जानकारी के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 14447 पर कॉल कर सकते हैं।
निष्कर्ष: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों की आय को सुरक्षित करने और कृषि क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। ‘क्षेत्र दृष्टिकोण’, कम प्रीमियम, प्रौद्योगिकी का उपयोग और व्यापक जोखिम कवरेज इस योजना की मुख्य विशेषताएँ हैं। हालाँकि, जागरूकता की कमी और दावा निपटान में देरी जैसी चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं, लेकिन निरंतर सुधारों के साथ, PMFBY भारतीय किसानों के लिए एक विश्वसनीय सुरक्षा कवच साबित हो रही है।
यह योजना न केवल किसानों को प्राकृतिक जोखिमों से बचाती है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
अस्वीकरण / Disclaimer
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उद्देश्य
Purpose
यह लेख प्रदान किए गए डेटा के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। आवेदन करने से पहले सटीक और नवीनतम जानकारी के लिए आवेदकों को हमेशा आधिकारिक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) पोर्टल और योजना दिशा-निर्देशों का संदर्भ लेना चाहिए।
This article is for informational purposes only, based on the data provided. Applicants should always refer to the official Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana portal and scheme guidelines for accurate and up-to-date information before applying.
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