प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना: किसान परिवारों को ₹6,000 प्रति वर्ष ।

1. परिचय एवं विहंगमावलोकन

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसका उद्देश्य सभी भूमिधारक किसान परिवारों को सीधी आय सहायता प्रदान करना है। इसका मुख्य लक्ष्य किसानों को कृषि संबंधी आवश्यकताओं, घरेलू खर्चों को पूरा करने तथा अनौपचारिक कर्ज पर निर्भरता कम करने में वित्तीय सहायता देना है।

  • शुरुआत की तारीख: 24 फरवरी, 2019
  • नोडल मंत्रालय: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय।
  • वित्तपोषण: पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित (एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना)।

2. मुख्य लाभ एवं नवीनतम अपडेट (नवंबर 2025 तक)
विवरणविवरणिका
वित्तीय सहायतापात्र किसान परिवारों को ₹6,000 प्रति वर्ष प्राप्त होते हैं।
भुगतान आवृत्तियह राशि ₹2,000 की तीन समान किस्तों में, सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में हर चार महीने में जमा की जाती है।
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT)पारदर्शिता और समय पर धनराशि का हस्तांतरण सुनिश्चित करता है।
नवीनतम किस्त20वीं किस्त माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 2 अगस्त, 2025 को जारी की गई, जिससे 9.7 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ हुआ।
आगामी किस्त21वीं किस्त के नवंबर 2025 में जमा होने की उम्मीद है।
अनिवार्य ई-केवाईसीलाभ प्राप्त करते रहने के लिए सभी पंजीकृत किसानों के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य है। यह पीएम-किसान पोर्टल पर ओटीपी के माध्यम से या कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) पर बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण द्वारा की जा सकती है।

किस्त अवधियाँ:

  • पहली किस्त: अप्रैल – जुलाई
  • दूसरी किस्त: अगस्त – नवंबर
  • तीसरी किस्त: दिसंबर – मार्च

3. पात्रता मानदंड

क. कौन पात्र है?

  • यह योजना देश भर के सभी भूमिधारक किसान परिवारों के लिए खुली है, चाहे उनकी जोत का आकार कुछ भी हो।
  • “परिवार” की परिभाषा: परिवार में पति, पत्नी और अवयस्क बच्चे शामिल होते हैं, जिनके नाम सामूहिक रूप से राज्य के भूमि रिकॉर्ड के अनुसार कृषि योग्य भूमि है।

ख. कौन पात्र नहीं है? (अपवर्जन श्रेणियाँ)
निम्नलिखित श्रेणियाँ इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं:

  1. संस्थागत भूमिधारक (जैसे ट्रस्ट, संस्थाएँ)।
  2. संवैधानिक पद के सभी वर्तमान और पूर्व धारक, मंत्री, सांसद, विधायक, मेयर, और जिला पंचायत के अध्यक्ष
  3. सभी सेवारत या सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी (केंद्र/राज्य सरकार के मंत्रालयों/विभागों/कार्यालयों और पीएसयू के कर्मचारी शामिल)। नोट: मल्टी-टास्किंग स्टाफ (ग्रुप डी) आमतौर पर अपवाद होते हैं।
  4. ₹10,000 प्रति माह से अधिक पेंशन पाने वाले सेवानिवृत्त/पेंशनभोगी
  5. जिन व्यक्तियों ने पिछले वित्तीय वर्ष में आयकर दिया हो
  6. डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड एकाउंटेंट और आर्किटेक्ट जैसे पेशेवर, जो पेशेवर निकायों के साथ पंजीकृत हैं।

4. आवश्यक दस्तावेज़
  1. आधार कार्ड: पंजीकरण, ई-केवाईसी और भुगतान प्राप्त करने के लिए अनिवार्य।
  2. भूमि स्वामित्व के दस्तावेज़: कृषि योग्य भूमि के स्वामित्व और विवरण साबित करने वाले दस्तावेज़ (जैसे, खतौनी, खसरा नंबर, भूमि पासबुक)।
  3. बैंक खाते का विवरण: डीबीटी के लिए आधार-लिंक बैंक खाता नंबर और आईएफएससी कोड।
  4. नागरिकता प्रमाण: जैसे कोई भी सरकारी पहचान पत्र।
  5. मोबाइल नंबर: ओटीपी सत्यापन और संचार के लिए एक पंजीकृत मोबाइल नंबर।

5. आवेदन प्रक्रिया: चरण-दर-चरण

किसान ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं।

विधि 1: पीएम-किसान पोर्टल या मोबाइल ऐप के माध्यम से ऑनलाइन स्व-पंजीकरण

  1. आधिकारिक पोर्टल पर जाएँ: https://pmkisan.gov.in/ पर जाएं।
  2. ‘फार्मर्स कॉर्नर’ पर नेविगेट करें: “न्यू फार्मर रजिस्ट्रेशन” लिंक पर क्लिक करें।
  3. मूल विवरण दर्ज करें:
    • “रूरल फार्मर रजिस्ट्रेशन” या “अर्बन फार्मर रजिस्ट्रेशन” चुनें।
    • अपना आधार नंबर, राज्य, और मोबाइल नंबर दर्ज करें।
    • कैप्चा कोड दर्ज करें और “Get OTP” पर क्लिक करें।
  4. आवेदन पत्र भरें:
    • सिस्टम आपके आधार से कुछ विवरण स्वतः भर देगा।
    • सावधानीपूर्वक सभी आवश्यक विवरण दर्ज करें: व्यक्तिगत जानकारी, पता, बैंक खाता विवरण, और भूमि का विवरण (सर्वे/खाता नंबर, खसरा नंबर, क्षेत्रफल आदि)।
  5. दस्तावेज़ अपलोड करें: आवश्यक दस्तावेजों (आधार, भूमि के कागजात, बैंक पासबुक) की स्कैन कॉपी अपलोड करें।
  6. फॉर्म जमा करें: स्व-घोषणा को स्वीकार करें और आवेदन जमा कर दें।
  7. सत्यापन: आपका आवेदन भूमि रिकॉर्ड के विरुद्ध सत्यापन के लिए राज्य नोडल अधिकारी को अग्रेषित कर दिया जाएगा।

विधि 2: ऑफलाइन पंजीकरण

  • कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से: अपने नजदीकी सीएससी पर जाएँ। ग्राम स्तरीय उद्यमी (वीएलई) एक नाममात्र शुल्क पर आपको ऑनलाइन आवेदन भरने और जमा करने में सहायता करेगा।
  • सरकारी अधिकारियों के माध्यम से: अपने स्थानीय राजस्व विभाग (पटवारी), कृषि विभाग के कार्यालय, या अपने ब्लॉक/जिले में नामित नोडल अधिकारी से संपर्क करें। वे आपके भूमि रिकॉर्ड का सत्यापन करके आपका नाम लाभार्थी सूची में शामिल कर सकते हैं।

6. अपने आवेदन एवं भुगतान की स्थिति कैसे जाँचें
  1. पीएम-किसान पोर्टल पर जाएँ: https://pmkisan.gov.in/
  2. ‘फार्मर्स कॉर्नर’ सेक्शन पर जाएँ।
  3. “Know Your Status” या “Beneficiary Status” के विकल्प पर क्लिक करें।
  4. निम्नलिखित में से किसी एक को दर्ज करके अपनी स्थिति जाँच सकते हैं:
    • आपका आधार नंबर
    • आपका बैंक खाता नंबर
    • आपका पीएम-किसान पंजीकरण नंबर

पोर्टल आपकी आवेदन स्थिति (सत्यापनाधीन, स्वीकृत, अस्वीकृत) और सभी पिछली एवं वर्तमान किस्तों की स्थिति दिखाएगा।

7. योजना के मूल सिद्धांत और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर
प्रश्नउत्तर
1. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि क्या है?यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जो देश के सभी भूमिधारक किसान परिवारों को कृषि एवं घरेलू जरूरतों के लिए आय सहायता प्रदान करती है। योजना का पूरा वित्तीय भार भारत सरकार वहन करती है।
2. क्या योजना का लाभ केवल छोटे एवं सीमांत किसानों को मिलता है?नहीं। प्रारंभ में यह लाभ केवल 2 हेक्टेयर तक की जोत रखने वाले किसानों के लिए था, किंतु 01.06.2019 से इसे सभी भूमिधारक किसान परिवारों के लिए विस्तारित कर दिया गया है।
3. योजना के क्या लाभ हैं?प्रत्येक पात्र परिवार को ₹6,000 प्रति वर्ष की वित्तीय सहायता मिलती है, जो ₹2,000 की तीन समान किस्तों में हर चार महीने में दी जाती है।
4. योजना कब लागू हुई?इस योजना का शुभारंभ माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 24 फरवरी, 2019 को किया गया था।
5. योजना किस तिथि से प्रभावी है?यह योजना 01 दिसंबर, 2018 से प्रभावी मानी गई है।

8. पात्रता एवं अपवर्जन मानदंड
प्रश्नउत्तर
6. योजना के तहत लाभ लेने के लिए कौन पात्र है?वे सभी भूमिधारक किसान परिवार पात्र हैं, जिनके नाम पर कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व है।
7. योजना के तहत कौन पात्र नहीं है?संस्थागत भूमिधारक; संवैधानिक पदधारी; सांसद/विधायक; केंद्र/राज्य सरकार के अधिकारी/कर्मचारी (एमटीएस/ग्रुप-डी को छोड़कर); ₹10,000/माह से अधिक पेंशन पाने वाले; आयकर दाता; तथा डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, सीए जैसे पेशेवर।
8. एक वर्ष में कितनी बार लाभ दिया जाएगा?लाभ ₹6,000 प्रति वर्ष की दर से तीन किस्तों में दिया जाएगा। प्रत्येक किस्त चार महीने की अवधि के लिए होगी।
9. क्या सरकारी कर्मचारी जो किसान भी हैं, लाभ के पात्र हैं?नहीं। केंद्र/राज्य सरकार/PSU/स्वायत्त संस्थानों के सभी सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी/कर्मचारी (एमटीएस/ग्रुप-डी को छोड़कर) पात्र नहीं हैं।
10. क्या 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले किसान को लाभ मिलेगा?हाँ। योजना का दायरा बढ़ाकर सभी भूमिधारक किसान परिवारों के लिए कर दिया गया है।

9. आवेदन प्रक्रिया एवं दस्तावेज़
प्रश्नउत्तर
11. गलत घोषणा करने पर क्या होगा?गलत घोषणा करने पर लाभार्थी से प्राप्त राशि वापस ली जा सकेगी तथा कानून के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है।
12. पात्रता निर्धारित करने की कट-ऑफ तिथि क्या है?लाभार्थियों की पात्रता निर्धारित करने की कट-ऑफ तिथि 01.02.2019 है। मृत्यु के कारण उत्तराधिकार में भूमि हस्तांतरण को छोड़कर, अगले 5 वर्षों तक पात्रता में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
13. कट-ऑफ तिथि के बाद मृत्यु के कारण उत्तराधिकार में भूमि हस्तांतरण हो तो क्या लाभ मिलेगा?हाँ। 01.02.2019 के बाद मृत्यु के कारण उत्तराधिकार में हुए भूमि हस्तांतरण के मामलों में योजना का लाभ दिया जाएगा।
14. 01.12.2018 से 31.01.2019 के बीच हुए भूमि हस्तांतरण के मामले?इस अवधि में हुए हस्तांतरण (खरीद, उत्तराधिकार, उपहार आदि) के मामले में, 2018-19 की पहली किस्त हस्तांतरण की तारीख से 31.03.2019 तक के समय के अनुपात में दी जाएगी।
15. क्या आयकर दाता किसान पात्र है?नहीं। यदि परिवार का कोई सदस्य पिछले वित्तीय वर्ष में आयकर दाता है, तो परिवार पात्र नहीं है।

10. परिवार की परिभाषा एवं भूमि संबंधी प्रश्न
प्रश्नउत्तर
16. योजना में ‘परिवार’ की परिभाषा क्या है?परिवार में पति, पत्नी और अवयस्क बच्चे शामिल हैं, जिनके नाम संबंधित राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के भूमि रिकॉर्ड के अनुसार कृषि योग्य भूमि है।
17. क्या पैतृक भूमि पर खेती करने वाला, परंतु भूमि पर उसके नाम मालिकाना हक न हो, व्यक्ति पात्र है?नहीं। भूमि उसके अपने नाम पर होनी चाहिए। यदि मृत्यु के कारण उत्तराधिकार में भूमि हस्तांतरित हुई है, तो वह पात्र होगा।
18. क्या किराए पर भूमि जोतने वाला किसान (टेनेंट फार्मर) पात्र है?नहीं। इस योजना के तहत लाभ का एकमात्र आधार भूमि स्वामित्व है।
24. एक ही भूमि पर अनेक परिवारों के नाम होने पर क्या होगा?यदि एक ही भूमि जोत पर अलग-अलग किसान परिवारों के नाम दर्ज हैं, तो प्रत्येक पात्र परिवार अलग-अलग ₹6,000 का लाभ प्राप्त करने का हकदार होगा।
30. क्या सूक्ष्म भूमि जोत (माइक्रो लैंड होल्डिंग) के लिए लाभ मिलेगा?यदि सूक्ष्म भूमि जोत गैर-कृषि योग्य है, तो उसे योजना के लाभ से बाहर रखा जाएगा।

11. लाभार्थी पहचान, सत्यापन एवं शिकायत निवारण
प्रश्नउत्तर
19. लाभार्थियों की पहचान कैसे होगी?पात्र किसान परिवारों की पहचान करने की जिम्मेदारी पूर्णतः राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकारों की है। इसके लिए भूमि स्वामित्व के मौजूदा रिकॉर्ड का उपयोग किया जा�ाएगा।
20. पीएम-किसान पोर्टल पर कौन सी जानकारी देना अनिवार्य है?नाम, आयु, लिंग, श्रेणी (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति), आधार नंबर (असम, मेघालय, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कुछ छूट), बैंक खाता नंबर व IFSC कोड तथा मोबाइल नंबर (अनिवार्य नहीं, पर सलाहित)।
21. किसान को कैसे पता चलेगा कि उसका नाम लाभार्थी सूची में है?लाभार्थी सूचियाँ पंचायतों पर प्रदर्शित की जाएंगी। एसएमएस के माध्यम से सूचना दी जाएगी। पीएम-किसान पोर्टल के ‘फार्मर्स कॉर्नर’ से भी स्थिति जांची जा सकती है।
22. यदि किसी पात्र किसान का नाम सूची में नहीं है तो उपाय क्या है?ऐसे किसान जिला स्तरीय शिकायत निवारण मॉनिटरिंग समिति से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, पीएम-किसान पोर्टल (www.pmkisan.gov.in) पर ‘फार्मर्स कॉर्नर’ में ऑनलाइन आवेदन, आधार विवरण संपादित करने और लाभ स्थिति जांचने की सुविधा उपलब्ध है।
31. लाभार्थियों द्वारा दी गई जानकारी के सत्यापन का तरीका क्या है?लाभार्थी द्वारा दी गई जानकारी/घोषणा के सत्यापन के लिए उचित तंत्र/प्राधिकारी का निर्धारण करने की स्वतंत्रता राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकारों को है।

12. भुगतान प्रक्रिया एवं तकनीकी पहलू
प्रश्नउत्तर
25. क्या योजना का लाभ सीधे लाभार्थी के खाते में जमा किया जाएगा?हाँ। योजना के तहत वित्तीय लाभ सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से जमा किया जाएगा।
26. क्या बैंक खाते का विवरण देना अनिवार्य है?हाँ। बैंक खाते का विवरण देना अनिवार्य है। बैंक खाते का विवरण न होने पर लाभ नहीं दिया जा सकता।
27. क्या आधार विवरण देना अनिवार्य है?हाँ। आधार नंबर/आधार सीडिंग अब जारी किस्तों के लिए अनिवार्य है। केवल असम, मेघालय, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को इससे 31.03.2020 तक छूट दी गई थी।
35. यदि कोई किसान किसी किस्त से वंचित रह जाता है तो क्या वह बाद में उसे प्राप्त कर सकता है?हाँ। यदि लाभार्थी का नाम किसी विशिष्ट 4-मासिक अवधि के दौरान पोर्टल पर अपलोड किया गया था, तो वह उस अवधि और बाद की सभी बकाया किस्तों का हकदार है, बशर्ते वह अपवर्जन मानदंड में न आता हो। देरी का कारण दूर होने पर सभी बकाया किस्तें जारी की जाएंगी।

नोट: यह जानकारी केवल एक मार्गदर्शिका है। योजना के अद्यतन दिशा-निर्देशों के लिए हमेशा आधिकारिक पीएम-किसान वेबसाइट (https://pmkisan.gov.in) से संपर्क करें।


13. सारांश एवं प्रभाव

पीएम-किसान योजना ने भारत के किसानों के लिए एक आधारभूत आय सहायता कार्यक्रम के रूप में अपनी भूमिका मजबूत कर ली है। यह एक लक्षित पहल से विकसित होकर एक सार्वभौमिक योजना बन गई है, जिसमें पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य ई-केवाईसी और डीबीटी प्लेटफॉर्म जैसे तकनीकी एकीकरणों द्वारा लगातार सुधार किया गया है। अगस्त 2025 में हाल ही में जारी 20वीं किस्त सहित किस्तों का लगातार जारी रहना, कृषि समुदाय पर इसके महत्वपूर्ण पहुँच और प्रभाव को दर्शाता है।


अस्वीकरण: यह जानकारी मार्गदर्शन के उद्देश्यों के लिए है। योजना के दिशा-निर्देश सरकार द्वारा अपडेट किए जा सकते हैं। नवीनतम और आधिकारिक जानकारी, जिसमें आगामी किस्त की सही तारीख भी शामिल है, के लिए हमेशा आधिकारिक पीएम-किसान वेबसाइट (https://pmkisan.gov.in/) का संदर्भ लें।


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